राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार, स्कूल शिक्षा प्रणाली की सर्वोच्च प्राथमिकता वर्ष 2025 तक प्राथमिक स्तर पर मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान कौशल का सार्वभौमिक अर्जन प्राप्त करना है। मूलभूत शिक्षा एक बच्चे की सम्पूर्ण भावी शिक्षा का आधार है। बोध के साथ पढ़ने, लिखने और गणित के आधारभूत प्रश्न हल कर पाने में मूलभूत कौशल प्राप्त न कर पाने से बच्चे कक्षा III के बाद पाठ्यक्रम की जटिलताओं के लिए तैयार नहीं हो पाते। निपुण भारत मिशन के तहत अब तक निम्नलिखित प्रमुख पहलें की गई हैं-

  1. निपुण भारत मिशन के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन
  2. कक्षा I के लिए विद्या प्रवेश दिशानिर्देश और मॉड्यूल का विकास
  3. प्री-स्कूल से कक्षा V तक के शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के लिए निष्ठा-एफएलएन की शुरुआत
  4. प्री-स्कूल शिक्षकों/आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए मास्टर प्रशिक्षकों/संसाधन व्यक्तियों के लिए निष्ठा ईसीसीई का शुभारंभ
  5. मूलभूत अधिगम अध्ययन (एफएलएस) का संचालन
  6. एफएलएन संसाधनों की उपलब्धता के लिए दीक्षा एफएलएन पोर्टल का सृजन
  7. 100 दिवसीय पठन अभियान का आयोजन
  8. स्कूल के बंद होने और उसके बाद गृह-आधारित शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी के लिए दिशानिर्देशों का विकास
  9. मूलभूत शिक्षा में सामुदायिक भागीदारी के लिए दिशा-निर्देशों का विकास; शैक्षणिक कार्य बल (एटीएफ) और जिला कार्य बल सदस्यों (डीटीएफ) का प्रशिक्षण
  10. मूलभूत शिक्षा में पहल: सर्वोत्तम कार्यों के आदान-प्रदान के लिए बुनियादी स्तर से मत,सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना, स्थिति साझा करना और चुनौतियों को समझना पर राष्ट्रीय पहल
  11. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मिशन कार्यान्वयन की निरंतर ट्रैकिंग और निगरानी (मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक)।

निपुण भारत मिशन की प्रगति की निगरानी 22 संकेतकों के माध्यम से की जा रही है जिसमें शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों संकेतक शामिल हैं। शैक्षणिक संकेतकों में शिक्षकों और बच्चों के लिए शिक्षण अधिगम सामग्री का विकास, विद्या प्रवेश का कार्यान्वयन, शिक्षकों का निष्ठा एफएलएन प्रशिक्षण, शैक्षणिक कार्य बल (एटीएफ) के सदस्यों का प्रशिक्षण आदि शामिल हैं। प्रशासनिक संकेतकों में राज्य और जिला संचालन समितियों एवं परियोजना प्रबंधन इंकाइयों (पीएमयू) की स्थापना, राज्य मिशन निदेशकों को नामित करना आदि शामिल है।

  1. विद्या प्रवेश कार्यक्रम को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, लद्दाख, लक्षद्वीप , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल नामक 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है।
  2. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, लद्दाख, लक्षद्वीप , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, सिक्किम, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड राज्यों नामक 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षकों द्वारा निष्ठा एफएलएन प्रशिक्षण शुरू किया गया है।
  3. 28 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों नामत: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय , नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल द्वारा एफएलएन पर शिक्षकों के लिए संसाधन विकसित किए गए हैं ।
  4. 28 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों नामत: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय , नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल द्वारा एफएलएन पर बच्चों के लिए संसाधन विकसित किए गए हैं ।
  5. 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों नामत: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, लद्दाख, लक्षद्वीप , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, सिक्किम, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल द्वारा शैक्षणिक कार्यबलों का गठन किया गया है।
  6. शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी एटीएफ सदस्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर का 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। राज्य संचालन समिति को 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किया गया है, राज्य मिशन निदेशक को 35 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में नामित किया गया है, 30 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई (एसपीएमयू) स्थापित की हैं।

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