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भारत सरकार द्वारा सभी के लिए शिक्षा (जिसे पहले प्रौढ़ शिक्षा के नाम से जाना जाता रहा है) पर एक नई केन्द्रीय प्रायोजित योजना “नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (एनआईएलपी)” को 1037.90 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक कार्यान्वयन हेतु अनुमोदित किया गया है। योजना 15 वर्ष और अधिक आयु वर्ग के गैर-साक्षरों पर लक्षित है। योजना के पांच घटक हैः-

  • बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान,
  • महत्वपूर्ण जीवन कौशल (जिसमें वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, कानूनी साक्षरता, स्वास्थ्य देखभाल और जागरूकता, बाल देखभाल और शिक्षा, परिवार कल्याण, आदि शामिल हैं),
  • बुनियादी शिक्षा (इसमें प्रारंभिक (कक्षा 3-5), मिडिल (कक्षा 6-8), और माध्यमिक स्तर (कक्षा 9-12) एवं समकक्ष शामिल हैं),
  • व्यावसायिक कौशल (कौशल विकास स्थानीय रोजगार प्राप्त करने के लिए नव-साक्षरों के लिए निरंतर अधिगम प्रक्रिया का एक हिस्सा होगा),
  • सतत शिक्षा (इसमें कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल, मनोरंजन में रोचक समग्र प्रौढ़ शिक्षा पाठ्यक्रम के साथ-साथ स्थानीय शिक्षार्थियों की रूचि या उपयोग के अन्य विषय शामिल हैं)।

योजना को स्वयंसेवा के माध्यम से लागू किया जाना है। शिक्षार्थियों को एनसीईआरटी में दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन मोड में स्थानीय भाषाओं में सामग्री को एक्सेस करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यूडीआईएसई के तहत पंजीकृत सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूल योजना के कार्यान्वयन की इकाइयां हैं, जो राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा चलाये जाएंगे।

ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: http://nilp.education.gov.in

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