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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रथम बार 1958 में युवामन के साथ-साथ उनके भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को पहचानने के लिए शुरु किए गए थे। 60 के दशक के मध्य से, 5 सितंबर भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में समारोह के लिए निश्चित तिथि हो गई। इस पुरस्कार का उद्देश्य प्रारम्भिक और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रतिभाशाली शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता प्रदान करना था।

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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार योजना के दिशा-निर्देशों को वर्ष 2018 में संशोधित किया गया था। अब मूल आधार यह है कि नई योजना पारदर्शी, निष्पक्ष और प्रतिभाशाली शिक्षकों को पुरस्कृत करने वाली होनी चाहिए ताकि वे अन्य शिक्षकों के लिए उदाहरण और प्रेरणास्रोत बन सकें। नई योजना की विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • संशोधित दिशा-निर्देशों में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन स्व-नामांकन का प्रावधान है जिसे https://nationalawardstoteachers.education.gov.in पर किया जाता है।
  • सभी नियमित शिक्षक पात्र हैं और न्यूनतम वर्षों की सेवा की आवश्यकता नहीं है। इसने प्रतिभाशाली युवा शिक्षकों को आवेदन करने में सक्षम बनाया।
  • पुरस्कारों की संख्या को पहले के 378 की तुलना में 45+2 कर दिया गया है, जिससे पुरस्कारों की प्रतिष्ठा बहाल हो सके।
  • इसके अलावा, विशेष श्रेणी के अंतर्गत 2 शिक्षकों को दिव्यांग शिक्षकों यदि कोई हों, आदि में से चुना जा सकता है।
  • अंतिम चयन में किसी भी राज्य, संघ राज्य क्षेत्र या संगठन का कोटा नहीं होता। इससे वे राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कारों के लिए सही मायने में प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रोत्साहित हुए।
  • अंतिम चयन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और संगठनों से प्राप्त नामांकनों में से एक सेवानिवृत्त सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र जूरी द्वारा किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि नई योजना के तहत इन एजेंसियों की भूमिका को कम नहीं किया गया है।
  • नामांकित शिक्षक अंतिम चयन के लिए जूरी के समक्ष एक प्रस्तुति देते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उन सभी को उनके द्वारा किए गए कार्यों को साझा करने का अवसर दिया जाए।

पुरस्कारों की तर्कसंगत संख्या ने पुरस्कारों की प्रतिष्ठा को बहाल किया और चयन प्रक्रिया की बढ़ी हुई पारदर्शिता और शुचिता के साथ शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार को गम्भीरता एवं सम्मान से लेना शुरु किया है।

वर्ष 2018 से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के इतिहास में पहली बार, पुरस्कार विजेताओं में से प्रत्येक द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों पर एक मिनट की उच्च गुणवत्ता वाली फिल्में बनाई जा रही हैं। इन फिल्मों की शूटिंग पुरस्कार विजेताओं के संबंधित स्कूलों में मौके पर कला और रंगमंच के माध्यम से आनंदमयी शिक्षा को बढ़ावा देने, समुदाय से संसाधन जुटाने, मुफ्त शैक्षिक ऐप और आईसीटी का उपयोग करने, स्कूल पोषण उद्यान का विकास करने आदि जैसी नवीन गतिविधियों के व्यापक विस्तार को कलात्मक रूप से और संक्षेप में कैप्चर करते हुए की जाती है।

वर्ष 2022 के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर 3 स्तरीय चयन प्रक्रिया के बाद ऑनलाइन स्व नामांकन प्रक्रिया का पालन किए जाने के बाद, भारत के माननीय राष्ट्रपति ने 5 सितंबर, 2022 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 45 पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। दूरदर्शन पर कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के दौरान 45 पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों में से प्रत्येक पर एक डॉक्‍यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई।

शिक्षक दिवस संदेश :

ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: https://nationalawardstoteachers.education.gov.in/

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